पार्षद होकर भी दुकानदारी :- बिहार के सहरसा जिले के दिनेश मालाकार इन दिनों खास चर्चा में हैं, जो लगातार दूसरी बार वार्ड पार्षद चुने गए हैं। खास बात यह है कि पार्षद होने के बावजूद उन्होंने अपनी चाय की दुकान बंद नहीं की। दिनेश अपनी दोनों भूमिकाओं को बखूबी निभाते हुए क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
दोहरी जिम्मेदारी: चाय विक्रेता और पार्षद
सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद के वार्ड नंबर 14 के पार्षद दिनेश मालाकार, न केवल अपने वार्ड की समस्याओं पर ध्यान देते हैं बल्कि उनकी चाय और नाश्ते की दुकान भी सालों से चलती आ रही है। दिनेश का कहना है कि उनकी दुकान परिवार का प्रमुख आर्थिक स्रोत है, जबकि पार्षद के रूप में क्षेत्र की जनता की सेवा करना उनका कर्तव्य है।
वे सुबह से लेकर शाम तक दुकान पर काम करते हैं और उसी दौरान लोग अपनी समस्याओं को लेकर उनसे मिलते हैं। वह वहीं पर उनकी बात सुनते हैं और समाधान का प्रयास करते हैं।
लगातार दूसरी बार चुने गए
जनता के प्रति उनकी सेवा भावना और समर्पण ने उन्हें दूसरी बार वार्ड पार्षद बनने का मौका दिया है। दिनेश मालाकार का कहना है कि वे जब तक जीवित रहेंगे, तब तक चुनाव लड़ते रहेंगे और अपनी चाय की दुकान भी चलाते रहेंगे।
सेवा और समर्पण का अनूठा उदाहरण
दिनेश मालाकार अपने काम को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं। उनका कहना है कि जब उनके वार्ड के लोग किसी भी समस्या के समाधान के लिए उनके पास आते हैं, तो वह उसे जल्द से जल्द हल करने का प्रयास करते हैं। उनकी दोहरी भूमिका ने उन्हें जनता के बीच काफी लोकप्रिय बना दिया है।
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