नॉन-स्टिक बर्तननॉन-स्टिक बर्तन

नॉन-स्टिक बर्तन : फायदे और नुकसान

नॉन-स्टिक बर्तन आजकल रसोई में एक आम सामग्री बन गए हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो कम तेल या घी में खाना बनाना पसंद करते हैं। नॉन-स्टिक बर्तनों में एक विशेष कोटिंग होती है, जो बर्तन की सतह को चिकना बनाती है और इसमें खाना चिपकता नहीं है। इस प्रकार के बर्तन उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होते हैं, जो हेल्दी कुकिंग को प्राथमिकता देते हैं। आइए नॉन-स्टिक बर्तनों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नॉन-स्टिक बर्तन के फायदे

1. कम तेल की आवश्यकता

नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना पकाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनमें बहुत कम तेल या घी की आवश्यकता होती है। सतह की कोटिंग के कारण खाना चिपकता नहीं है, जिससे यह बर्तन हेल्दी कुकिंग के लिए एक बढ़िया विकल्प हैं।

2. आसान सफाई

नॉन-स्टिक बर्तन साफ करने में बहुत आसान होते हैं। चूंकि इनमें खाना चिपकता नहीं है, इसलिए इन्हें धोने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती। पानी और हल्के डिटर्जेंट से इन्हें आसानी से साफ किया जा सकता है।

3. खाना जलने की संभावना कम

नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना पकाते समय जलने की संभावना कम होती है, क्योंकि ये बर्तन गर्मी को समान रूप से फैलाते हैं और खाना बर्तन से चिपकता नहीं है। इससे खाने की गुणवत्ता और स्वाद दोनों बेहतर रहते हैं।

4. वजन में हल्के

नॉन-स्टिक बर्तन स्टील या लोहे के बर्तनों की तुलना में हल्के होते हैं, जिससे इन्हें उठाना और इस्तेमाल करना आसान होता है। यह खासकर उन लोगों के लिए अच्छा है जो भारी बर्तनों को संभालने में कठिनाई महसूस करते हैं।

5. हर प्रकार के पकवानों के लिए उपयुक्त

नॉन-स्टिक बर्तनों में हर प्रकार के खाने जैसे तला-भुना, हल्का पका हुआ, या बिना तेल के भोजन पकाना संभव है। इन्हें सब्जी, परांठे, इडली, पैनकेक आदि पकाने के लिए आदर्श माना जाता है।

नॉन-स्टिक बर्तन के नुकसान

1. कोटिंग का खराब होना

नॉन-स्टिक बर्तनों में एक विशेष कोटिंग होती है, जो समय के साथ धीरे-धीरे खराब हो सकती है। अगर यह कोटिंग निकलने लगती है, तो बर्तन अपनी नॉन-स्टिक क्षमता खो देता है और खाना चिपकने लगता है। साथ ही, यह निकलने वाली कोटिंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।

2. नुकीली वस्तुओं का उपयोग नहीं कर सकते

नॉन-स्टिक बर्तनों में धातु के चम्मच, कांटे या कड़छी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे कोटिंग खुरच सकती है। इसके बजाय, लकड़ी या सिलिकॉन के चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए।

3. उच्च तापमान पर उपयोग नहीं कर सकते

नॉन-स्टिक बर्तन बहुत अधिक तापमान पर इस्तेमाल नहीं किए जा सकते। तेज आंच पर पकाने से इनकी कोटिंग खराब हो जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। नॉन-स्टिक बर्तनों को मध्यम या धीमी आंच पर ही इस्तेमाल करना चाहिए।

4. स्वास्थ्य जोखिम

कुछ सस्ते नॉन-स्टिक बर्तनों में उपयोग की जाने वाली कोटिंग्स में PFOA (Perfluorooctanoic Acid) जैसे रसायन होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं। हालांकि, आधुनिक नॉन-स्टिक बर्तनों में अब PFOA-मुक्त कोटिंग्स का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन फिर भी इन्हें अत्यधिक गर्म करने से बचना चाहिए।

5. छोटी आयु

नॉन-स्टिक बर्तनों की उम्र सीमित होती है। कोटिंग खराब होने पर इन बर्तनों को बदलने की जरूरत होती है, जिससे ये लंबे समय तक टिकाऊ नहीं माने जाते।

नॉन-स्टिक बर्तन का उपयोग करते समय ध्यान देने योग्य बातें

  1. सही तापमान पर पकाएं: हमेशा मध्यम या धीमी आंच पर नॉन-स्टिक बर्तनों का उपयोग करें ताकि कोटिंग सुरक्षित रहे।
  2. सॉफ्ट स्पंज का उपयोग करें: नॉन-स्टिक बर्तन धोते समय कभी भी कठोर या खुरदुरी स्क्रब का उपयोग न करें। इससे कोटिंग खराब हो सकती है।
  3. नॉन-स्टिक बर्तन में सिर्फ लकड़ी या सिलिकॉन के चम्मच का इस्तेमाल करें: धातु के चम्मच या कांटे से कोटिंग खुरच सकती है, इसलिए इन्हें बर्तन में इस्तेमाल न करें।
  4. तुरंत साफ करें: खाना पकाने के तुरंत बाद नॉन-स्टिक बर्तनों को साफ करना बेहतर होता है, ताकि बर्तन में तेल या खाना जमा न हो सके।

निष्कर्ष

नॉन-स्टिक बर्तन खाना पकाने के लिए एक शानदार विकल्प हैं, खासकर जब आप हेल्दी कुकिंग को महत्व देते हैं। कम तेल, आसान सफाई और खाना न चिपकने के कारण यह बर्तन बेहद उपयोगी होते हैं। हालांकि, इनका इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों का पालन करना आवश्यक है, ताकि बर्तन की कोटिंग लंबे समय तक चले और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

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